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Why People do half circle of Bhagwan Shankar ji? : भगवान शंकर जी की आधी परिक्रमा क्यों की जाती है ?

भगवान शंकर जी की आधी परिक्रमा क्यों की जाती है ?

शास्त्रों के अनुसार भगवान शंकर की परिक्रमा के समय जल से अभिषेक किया जाता है और अभिषेक किये गए जल की धार को लाँघना वर्जित है। इसलिए शंकर भगवान की पूरी परिक्रमा नहीं की जाती है। आधी परिक्रमा वापस उसी तरफ लौटकर पूरी की जाती है। भगवान शंकर के लहरों की गतियां दोनों ओर होती है अर्थात वामावर्ती भी और दक्षिणावर्ती भी इसलिए इनकी परिक्रमा किसी भी और की जा सकती है। 

Which deities has done how many circles ? : किस देवता की कितनी परिक्रमाएं की जाती हैं?

 किस देवता की कितनी परिक्रमाएं की जाती हैं?

शास्त्रों  में  कुछ देवी - देवताओं की निश्चित परिक्रमा का विधान है। भगवान श्री कृष्ण की तीन परिक्रमा करनी चाहिए।
देवी जी की एक परिक्रमा और भगवान शंकर की आधी परिक्रमा का विधान है। 

Why do people not sweep in night ? : रात के समय झाड़ू नहीं लगायी जाती है

 रात के समय झाड़ू  नहीं लगायी जाती है ?
ऐसा माना जाता है कि रात में झाड़ू  मारने से आती हुई लक्ष्मी वापस लौट जाती है। इसलिए रात के समय में झाड़ू नहीं लगायी जाती है। 


मंदिरों में लोग देवी-देवताओं की मूर्तियों की परिक्रमा क्यों करते हैं ?

मंदिरों में लोग देवी-देवताओं की मूर्तियों की परिक्रमा क्यों करते हैं ?

देव - मूर्तियों  परिक्रमा करना अत्यंत लाभप्रद माना गया है। धर्मग्रंथों के अनुसार देवी - देवताओं की प्राणप्रतिष्ठित मूर्तियों के पास कुछ दुरी तक उनकी शक्ति की दिव्य प्रभा विद्यमान रहती है। जब व्यक्ति उस मूर्ति की दक्षिणावर्ती परिक्रमा करता है तो व्यक्ति की ऊर्जा की दिशा तथा दिव्यप्रभा की दिशा एकसमान होती है जिससे व्यक्ति की ऊर्जा में वृद्धि होती है तथा व्यक्ति की आंतरिक शक्ति में वृद्धि होने से वह अपने आप को शांत तथा तरोताजा महसूस करता है।  
मूर्ति की परिक्रमा हमेशा दायें से बाएं की और (दक्षिणावर्ती ) करनी चाहिए। 

Why people clap during singing bhajans ? : कीर्तन करते समय ताली क्यों बजाई जाती हैं ?

कीर्तन करते समय ताली क्यों बजाई जाती हैं ?

धार्मिक मान्यता : यह माना जाता है कि जब व्यक्ति ताली बजाता है तो मन आनन्दित होता है और वह भगवान की भक्ति में एकाग्र हो जाता है। ताली की ध्वनि तरंगें प्रभु को भी प्रसन्न करती हैं जिससे वे अपने भक्त की रक्षा करने तथा उस पर कृपा करने के लिए स्वयं उस स्थान पर पहुँच जाते हैं।

वैज्ञानिक महत्व : एक्यूप्रेशर चिकित्सा पद्धति के अनुसार हाथ की हथेलियों में कई ऐसे एक्यूप्रेशर बिंदु होते हैं जिन्हे दबाने से मन शांत तथा एकाग्र होता है।  इसलिए जब तालियां बजाई जातीं हैं तो इन बिन्दुओं के प्रेश होने से मन शांत , एकाग्र , आनन्दित तथा भक्तिमय हो जाता है।