भगवान शंकर जी की आधी परिक्रमा क्यों की जाती है ?
शास्त्रों के अनुसार भगवान शंकर की परिक्रमा के समय जल से अभिषेक किया जाता है और अभिषेक किये गए जल की धार को लाँघना वर्जित है। इसलिए शंकर भगवान की पूरी परिक्रमा नहीं की जाती है। आधी परिक्रमा वापस उसी तरफ लौटकर पूरी की जाती है। भगवान शंकर के लहरों की गतियां दोनों ओर होती है अर्थात वामावर्ती भी और दक्षिणावर्ती भी इसलिए इनकी परिक्रमा किसी भी और की जा सकती है।